यूपी में मजदूरो पर किया सैनेटाइजर का छिडकाव


बरेली।  लॉकडाउन के दौरान यूपी में पहुचे मजदूरो पर योगी सरकार ने सैनेटाइजर से छिडकाव किया जिसकी विपक्षी दलों के द्वारा घोर आलोचना की जा रही हैं। इस मामले में बरेली के जिला मजिस्ट्रेट नीतीश कुमार ने कहा कि वह मजदूरों के ऊपर पानी के साथ कीटाणुनाशक मिश्रण का छिड़काव करने के आरोपों की जांच करेंगे। 


सोशल मीडिया पर प्रवासियों का इस तरह से इलाज करने पर यूजर्स के द्वारा आलोचना की गई हैं। ट्विटर पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो में सड़क के एक कोने में लोगों के ऊपर पानी का छिडकाव करते हुए दिखाया गया था। अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, "पानी को सोडियम हाइपोक्लोराइट (लिक्विड ब्लीच) के साथ मिलाया गया है।" इस अधिकारी ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई।


बरेली के जिला मजिस्ट्रेट कुमार या स्वास्थ्य अधिकारी ऐसे किसी भी निर्देश से अनजान थे। डीएम ने कहा कि मैंने वीडियो नहीं देखा है। कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के तहत हमारे पास उन सभी का मेडिकल चेक-अप करने का आदेश है जो शहर में प्रवेश कर रहे हैं।


बरेली के एक डॉक्टर गिरीश मक्कर ने कहा कि "जब तरल ब्लीच को पानी में मिलाया जाता है तो यह क्लोरीन के स्तर पर निर्भर करता है। यह त्वचा पर लगाने पर जलन और खुजली भी पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि रसायनों का उपयोग सतहों को साफ करने के लिए कीटाणुनाशक के रूप में किया जाता है।


कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने भी इसको लेकर ट्वीट करते हुए कहा, ''यूपी सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे हैं, लेकिन कृपा करके ऐसे अमानवीय काम मत करिए। मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए हैं। उनको केमिकल डाल कर इस तरह नहलाइए मत। इससे उनका बचाव नहीं होगा बल्कि उनकी सेहत के लिए और खतरे पैदा हो जाएंगे।  


यूपी सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन कृपा करके ऐसे अमानवीय काम मत करिए।
मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए हैं। उनको केमिकल डाल कर इस तरह नहलाइए मत। इससे उनका बचाव नहीं होगा बल्कि उनकी सेहत के लिए और खतरे पैदा हो जाएंगे।