एंटी ऑॅक्सीडेंट से भरपूर सेब में कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता होती है क्योंकि कोशिकाओं की सामान्य गतिविधियों के दौरान ऑॅक्सीडेशन की प्रक्रिया को नुकसान से बचाव में एंटी ऑॅक्सीडेंट मददगार होते हैं। सेब में एंटी ऑॅक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं जिनके कारण यह फल कैंसर, मधुमेह, अल्झाइमर, पार्किन्सन जैसी समस्याओं से बचाव कर सकता है।
सेब में पेक्टिन नामक रेशा भरपूर मात्रा में होता है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है।
यह बात बहुत ही कम लोगों को पता होगी कि सेब चबा कर खाने से मुंह में लार बनने की प्रक्रिया तेज होती है जिससे बैक्टीरिया का स्तर घटता है और दांतों का स़डना कम हो जाता है। उन्होंने बताया कि रेशा यानी फाइबर पार्किन्सन रोग से बचाव में उपयोगी होता है और सेब में फाइबर भरपूर होता है। सेब में फ्लैवोनोल तथा ट्राइटेरपेनोइड भी होते हैं जो जिगर, गुदा और स्तन में कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं की गतिविधियों को रोकते हैं। मेदान्ता मेडिसिटी में आहार विशेषज्ञ गीतिका सिंह ने बताया कि दिन में एक सेब का सेवन टाइप २ मधुमेह के खतरे को २८ फीसदी कम करता है। इसमें पाये जाने वाले घुलनशील फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करते हैं। ये फाइबर आंत में वसा को तो़डते हैं और कोलेस्ट्राल के स्तर को भी घटाते हैं। कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होने से यह धमनियों की दीवार पर नहीं जमता और रक्त का प्रवाह निर्बाध बना रहता है। सेब के इसी महत्व को देखते हुए कुछ देशों में एक दिसंबर को /ईट अ रेड एप्पल डे/ मनाया जाता है। सेब के छिलके में फेनोलिक पाया जाता है जो कोलेस्ट्रोल का स्तर कम करता है। धमनियों की दीवार कोलेस्ट्राल जमने से मोटी हो जाती है और हृदय में रक्त प्रवाह बाधित होता है जिसकी वजह से कोरोनरी आर्टरी की समस्या होती है।